जिला हरिद्वार में नौजवानों की नसों में जहर घोलकर अनगिनत घर उजाड़ने वाले नशे के सौदागरों ने काली कमाई से आलीशान इमारतें बनाई। लग्जरी गाड़ियां और ऐशो आराम के सारे इंतजाम किए।ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान के तहत शिकंजा कसने पर पुलिस ने नशे के सौदागरों की जायदाद खंगाली तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की अगुवाई में पुलिस ने हाल ही में ऐसे सात धंधेबाजों की 2.36 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं, जबकि 20 से ज्यादा सौदागर फिलहाल पुलिस के रडार पर हैं।
हरिद्वार जिले में कोरोना काल के बाद स्मैक का धंधा अचानक फल-फूलता गया। शहर के गली-मोहल्लों और कंपनियों से लेकर गांव-गांव तक स्मैक का नशा करने और बेचने वाले बढ़ते गए। महज दो सालों में नशे के धंधेबाजों ने अकूत संपत्तियां जमा कर ली, जबकि दूसरी तरफ स्मैक की लत का शिकार हुए नौजवान अकाल मौत का निवाला बनते गए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान के तहत जिले में पुलिस ने नशे के धंधेबाजों पर मिशन के रूप में शिकंजा कसा। चंद महीनों में 100 से ज्यादा धंधेबाजों को जेल भेजा गया और चौपाल लगाकर युवाओं को जागरुक किया गया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में एनडीपीएस के सात बड़े धंधेबाजों की गाड़ी, बिल्डिंग सहित 2.36 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं। जबकि संगीन अपराधों में निरुद्ध नौ आरोपितों की संपत्तियां गैंगेस्टर एक्ट में जब्त करने के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस बाबत सभी थाना कोतवाली प्रभारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं।
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