हरिद्वार जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सीसीआर सभागार में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति द्वारा जिला योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जनपद के लिए कुल प्रस्तावित परिव्यय 67.35 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन किया गया।मंत्री सतपाल महाराज ने निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। खराब गुणवत्ता की शिकायत आने पर तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जनपद प्रभारी मंत्री ने विधायक की शिकायत पर एक रोड निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने जल संस्थान एवं नलकूप विभाग के अभियंताओं को निर्देश देते हुए कहा कि तेजी से गिरते भू जल स्तर का साइंटिफिक आंकलन करने के बाद ही हैंडपंप एवं नलकूप लगाए जाएं और घटते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए ही हैंड पंप एवं नलकूप्स की गहराई निर्धारित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि नलकूप खण्ड अतिरिक्त मोटर अपने पास सुरक्षित रखें ताकि मोटर खराब होने पर उसे तत्काल बदला जाए। उन्होंने जल संस्थान के अभियंताओं को निर्देश दिए कि पेयजल से संबंधित शिकायतें प्राप्त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवम संवर्धन सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल तथा मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि वार्षिक जिला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा जनपद हरिद्वार का परिव्यय धनराशि 67.35 करोड़ निर्धारित की गई है। इस वर्ष जिला योजना में अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीपी) मद में 1404.56 लाख रूपये यानि 14.0456 करोड़ की धनराशि तथा अजनजातीय उपयोजना (एसटीपी) मद में 33.50 लाख रूपये तथा सामान्य मद में 5297.60 लाख रुपये की धनराशि रखी गई है। शासन द्वारा विगत वर्ष के सापेक्ष जनपद-हरिद्वार के परिव्यय में 8 प्रतिशत धनराशि की वृद्धि की गई है। जिला योजना वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत सहकारिता, पंचायतीराज, राजकीय सिंचाई, लोक निर्माण विभाग के दायित्व, चालू कार्यों के सापेक्ष धनराशि 8.50 करोड प्रस्तावित है, तथा वचनबद्ध, आंशिक मरम्मत मदों के सापेक्ष 32.18 करोड एवं नवीन कार्यों के सापेक्ष 26.66 करोड की धनराशि रखी गई है। नवीन कार्यों के अन्तर्गत पंचायतीराज विभाग को 14.00 करोड, लोक निर्माण विभाग को 6.00 करोड, सिंचाई विभाग को 6.00 करोड, कृषि विभाग को 3.50 करोड एवं उद्यान विभाग को 3.55 करोड की धनराशि प्रस्तावित की गयी है। शासन के दिशा-निर्देशानुसार कुल परिव्यय की लगभग 50 प्रतिशत धनराशि पुराने चालू कार्यों, वचनबद्ध मदें, चालू मदों हेतु प्राविधानित की गयी है। कुल परिव्यय की लगभग 20 प्रतिशत धनराशि 14.06 करोड से अधिक स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु प्राविधानित की गयी है। शेष लगभग 50 प्रतिशत धनराशि से पंचायतीराज, लोक निर्माण, सिंचाई, पेजयल, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, युवा कल्याण, पर्यटन आदि विभागों के नवीन कार्यों, जीर्णोद्धार, सुढीकरण एवं अनुरक्षण कार्यों हेतु प्राविधानित की गयी है।
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