उत्तराखंड में हो रहे विकास कार्य और नई योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण पर सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब मंत्री या अफसर योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण पर नहीं करेंगे।बल्कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित कर इनका शिलान्यास-लोकार्पण किया जाएगा।
नियोजन सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों और डीएम को इस बाबत पत्र भेजा है। सुंदरम ने सभी विभागों से उनकी भविष्य में पूरी होने जा रही विकास योजनाओं का ब्योरा मांगा है। साथ ही जिन योजनाओं का शिलान्यास प्रस्तावित है, उनकी रिपोर्ट देनी होगी।
इसके आधार पर हर जिलों में सीएम की अध्यक्षता में विधिवत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में संबंधित विभागों के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इनमें ही योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
सचिवों को जारी किए पत्र में सभी अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि भविष्य में लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम किसी अन्य स्तर पर प्रस्तावित नहीं किया जाए। विकास कार्यों को गति देने के लिए निर्णय इस फैसले के पीछे विकास योजनाओं को तेजी से पूरा करने और उनके नियमित अनुश्रवण के सिस्टम को मजबूत करना भी एक वजह है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सीएम के सीधा जुड़ने से योजनाओं का क्रियान्वयन और उनके नियमित अनुश्रवण की व्यवस्था मजबूत होगी। सीएम खुद भी राज्य की विकास योजनाओं की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करते हैं। इस व्यवस्था से हर विभाग की सभी योजनाएं उनकी नजरों में रहेंगी।
दरअसल, कई बार देखा गया है कि शिलान्यास के बाद योजना पर काम शुरू होने या उसके पूरा होने में कई कई साल लग जाते हैं। और जिनका लोकार्पण होता है, उनमें गुणवत्ता की शिकायत आने लगती हैं। सीएम के जुड़ने से ऐसी सभी योजनाओं की सीएम कार्यालय भी लगातार समीक्षा करेगा।
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