हरिद्वार में तीन साल पुराने ई-रिक्शाओं को सड़कों से बाहर करने की तैयारी चल रही है. इससे सड़कों पर दबाव कम होगा और जाम की समस्या कम होगी. अभी 8700 से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं, एक सर्वे के अनुसार शहर में क्षमता से दोगुने ई-रिक्शा हैं.एआरटीओ की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा रहा है कि ई-रिक्शाओं की समयसीमा निर्धारित की जाए. हरिद्वार से भेजे जा रहे प्रस्ताव में तीन साल समयसीमा निर्धारित करने के लिए कहा जा रहा है.
यात्रा सीजन के अलावा भी हरिद्वार शहर के अंदर अब जाम लगने लगा है, इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस की ओर भी बीते दिनों सर्वे कराया गया था, जिसमें वाहनों का अत्याधिक दबाव जाम का कारण माना गया था. साथ ही ई-रिक्शाओं की संख्या भी सर्वे में अधिक बताई गई है. ई-रिक्शा की संख्या कम करने को लेकर बीते दिनों भी बैठक में मंथन हो चुका है, नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने के लिए दो बार शासन को पत्र हरिद्वार से भेजा जा चुका है. अभी तक ई-रिक्शाओं की उम्र निर्धारित नहीं है. जिस कारण कई साल पुराने ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं. हर साल ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले तीन सालों में यह संख्या तीन गुनी बढ़ गई है. हरिद्वार में स्नान पर्व होते रहते हैं. एआरटीओ रश्मि पंत ने बताया कि अभी ई रिक्शाओं की समयसीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन हरिद्वार की स्थिति को देखते हुए समयसीमा तीन साल निर्धारित करने के लिए शासन को लिखा जा रहा है. ऐसा करने से कुछ हद तक ई-रिक्शा कम होंगे.
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