22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। भोले के भक्त कंधे पर गंगाजल लेकर कांवड़ उठाकर गंतव्य की तरफ रुख करते हैं। यह कांवड़ यात्रा दो राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरती है।दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के शिव भक्त गंगाजल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश और गंगोत्री यमुनोत्री का रुख करते हैं। शिवभक्त गंगा का पवित्र जल उठाकर पैदल अपने शिवालयों की तरफ कूच करते हैं, इसलिए उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह कांवड़ यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।
मेरठ कमीश्नरी सभागार में आज 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार, मुख्य सचिव मनोज कुमार ने उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा तैयारी की समीक्षा बैठक की है। इस बार कांवड़ यात्रा में तिरंगा लेकर चलने वाले कावड़ियों को देश का गौरव बढ़ाने के प्रेरित किया जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान DJ पर कौन-सा सॉन्ग कितनी साउंड में बजेंगा, गाने के बोल अशोभनीय न हो, इस पर पुलिस की नजर रहेगी। हरिद्वार से सभी कावड़ियों पर ड्रोन और CCTV द्वारा नजर रखी जाएगा।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि इस बार भी गत वर्षों की तरह इस बार भी हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर कांवड़ियों का स्वागत किया जाएगा। सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन हवाई सर्वे करेगा। सिविल पुलिस के अलावा पीएसी और अर्द्धसैनिक बल को भी कांवड़ यात्रा में लगाया गया है।शिवभक्तों के लिए जगह-जगह रहने, खाने, चिकित्सा और प्रकाश का समुचित प्रबंध सड़कों पर रहेगा। कांवड़ यात्रा में भोले का जो भक्त तिरंगा लेकर चलेगा उसका विशेष सम्मान किया जायेगा। 12 जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें हरिद्वार से हर घंटे निकलने वाले शिवभक्तों की जानकारी न केवल शेयर की जाएगी बल्कि कांवड़ यात्रा के रास्तों की पर CCTV कैमरा और ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी।
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