हरिद्वार में लगभग 17 दिनों के बाद हरकी पैड़ी पर गंगा जल पुनः बहने लगा है। गंगा जी का जलस्तर छोटी दिवाली की रात 19-20 अक्टूबर को बढ़ने लगा, जिसके कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई।गंगनहर की वार्षिक बंदी के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान नहर की सफाई और मरम्मत के कारण जल प्रवाह रुकता है। इस बार गंगनहर की बंदी 17 दिन तक रही।सिंचाई विभाग ने हर साल की तरह इस वर्ष भी ऊपरी गंगनहर की साफ-सफाई और गेटों की मरम्मत के लिए नहर को अस्थायी रूप से बंद किया था। यह बंदी 2 अक्टूबर की मध्यरात्रि से लागू की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप हरकी पैड़ी के निकट बहने वाली प्रमुख धारा कमजोर या कुछ स्थानों पर सूख गई थी।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की देखरेख में गंगनहर की वार्षिक बंदी के दौरान साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य कराया गया। इसमें क्षतिग्रस्त किनारों की मरम्मत भी शामिल थी। बंदी के दौरान गंगा में जल का प्रवाह रुक गया था, जिससे हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए पानी नहीं आ रहा था और श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। इस बार छोटी दिवाली की मध्य रात्रि को गंगनहर को खोल दिया गया और अविरल गंगा जल हरकी पैड़ी तक मोड़ दिया गया जिससे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए पर्याप्त जल मिला।

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