राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने गुरु परंपरा को नमन करते हुए कहा कि सिख गुरु परंपरा ने धर्म,समाज और राष्ट्रवाद की परंपरा को ऊंचा किया।गुरु तेग बहादुर की बलिदान हमें यह संदेश देती है कि भारत माता की रक्षा के लिए हंसते-हंसते सब कुछ अर्पित कर देना ही सच्चा धर्म, सच्चा कर्म और सच्चा राष्ट्र धर्म है।
हिंद की चादर- गुरु तेग बहादुर जी की 350 वीं शहादत स्मृति दिवस के अवसर पर सोमवार को राज्यपाल ने उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस मौके पर राज्यपाल ने गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मनुष्य की सर्वोच्च पहचान उसका मानव धर्म बताया।उन्होंने कहा कि गुरु की शहादत ने हमें सिखलाया कि जब सामने घोर संकट खड़ा हो, जीवन -मरण का प्रश्न हो फिर भी हमें अपने राष्ट्र धर्म और समाज के कर्तव्य को विस्मृत नहीं करना चाहिए। बलिदान केवल धर्म की रक्षा नहीं था इसमें स्वतंत्रता, मानव अधिकार, गरिमा और राष्ट्र की आत्मा की रक्षा करना भी था।

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