हरिद्वार नगर निगम द्वारा बाजार भाव से अधिक दर पर जमीन खरीदे जाने के मामले में दोषी पाए गए चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में एक अन्य अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है ।गुरुवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशे पर नगर निगम हरिद्वार द्वारा सराय गांव में जमीन खरीद मामले में यह सख्त कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, मामले में एक कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं ।
हरिद्वार नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया गंभीर अनियमिततएं मिलीं। गड़बड़ी पाए जाने पर मामले की विस्तृत जांच प्रदेश के गन्ना और चीनी विभाग के सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपी गयी थी। जांच के दौरान पाया गया कि उस जमीन की खरीद के लिए गठित समिति के सदस्य के रूप में हरिद्वार नगर निगम के अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2 (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त) रवीन्द्र कुमार दयाल, सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता) आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भटट और अवर अभियंता दिनेश चन्द्र काण्डपाल ने अपनी जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभाया। इस आरोप में सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है ।इस मामले में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक वेदपाल की भी मिली भगत पायी गई, जिसके बाद सेवा विस्तार समाप्त करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही हरिद्वार नगर निगम की वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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