हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुए हादसे के बाद आसपास के दुकानदार भी सिहर उठे। उनका कहना है देखते ही देखते कुछ ही सेकंड में भगदड़ मच गई। घायलों और मृतकों को उठाकर नीचे लाने के बाद एंबुलेंस से ले जाया जा रहा था।बस चीख-पुकार की आवाजें सुनाई दे रही थीं। हादसे के बाद का ये मंजर आंखों में ही तैर रहा है।
स्थानीय दुकानदार विनोद पहलवान का कहना है कि सुबह करीब साढ़े आठ बजे की ये घटना है। जैसे ही भगदड़ हुई रोपवे के कर्मचारियों ने 108 एंबुलेंस को फोन कर जानकारी दी। कुछ ही देर में पुलिस और एंबुलेंस पहुंचनी शुरू हो गई।उससे पहले ट्रॉली के माध्यम से घायलों को उतारा गया और फिर जिला अस्पताल भिजवाया गया। चीख-पुकार और भगदड़ का वो दृश्य अभी तक जेहन में तैर रहा है। रोहित ने बताया कि घटना होने के बाद जैसे ही स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिली तो वह घायलों को उठाकर अपने निजी वाहन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।
मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह नौ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में एक 12 साल के बालक सहित आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए। भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने भी भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवारों पर लगी बिजली तारें पकड़ने पर करंट लगने का दावा किया है।मार्ग पर बनी दीवार पर तारें पकड़कर श्रद्धालु आगे की तरफ बढ़ रहे थे और करंट लगने के बाद भगदड़ मच गई।
डीएम ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर घायलों का हाल जाना। मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की।
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