दीपावली पर धर्मनगरी में आतिशबाजी से त्योहार के एक सप्ताह पूर्व के मुकाबले वायु प्रदूषण स्तर बढ़ा है। दीपावली से एक सप्ताह पूर्व जहां शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 80 था वहीं दीपावली के दिन एक्यूआइ 190 दर्ज किया गया । जो पिछले पांच साल में सबसे कम है। 2021 में एक्यूआइ 321 था। प्रदूषण स्तर में कमी की वजह लोगों में जागरूकता के साथ ही दो दिन दीपावली का त्योहार होना बतायी जा रही है।दीपावली पर आतिशबाजी से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। पटाखों से निकलने वाली सल्फरडाइ आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड गैस वायु को प्रदूषित करता है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल दीपावली से एक सप्ताह पहले तक एक्यूआइ स्तर काफी कम था वहीं दीपावली के दिन स्तर में भारी वृद्धि देखी गयी। एक सप्ताह पहले जहां एक्यूआइ 80 था वहीं दीपावली के दिन 190 दर्ज किया गया। चिकित्सकों के अनुसार यह स्तर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है। फेफड़े और हृदय रोगियों को भी श्वसन संबंधी दिक्कतें पेश आ सकती है।

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