चंडी देवी मंदिर के पूर्व महंत रोहित गिरी की ओर से पुलिस ने आखिरकार कोर्ट के आदेश पर उनकी पत्नी व बेटे सहित आठ आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।एफआइआर में रोहित गिरी ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर झूठे मुकदमे में जेल भिजवाने, फर्जी हस्ताक्षर से इस्तीफा लेने, फर्जी सप्लीमेंट्री की मदद से नया ट्रस्ट बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
विश्व प्रसिद्ध चंडी देवी मंदिर पिछले कुछ समय से किसी ना किसी रूप में सुर्खियों में है। बीते 14 मई को पंजाब पुलिस की एक टीम मंदिर के महंत रोहित गिरी को एक महिला के शोषण के आरोप में गिरफ्तार कर ले गई थी।13 अगस्त को रोहित गिरी जमानत पर रिहा हुए। रोहित गिरी के जेल जाने के बाद मंदिर में बड़ा फेरबदल हुआ। उनके बेटे भवानी नंदन को महंत की गद्दी पर बैठाया गया और बागडोर पत्नी गीतांजलि ने संभाली।
इस बीच रोहित गिरी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि महंत भवानी नंदन, गीताजंली, नीरज पांडे आकाश कुसुम बछेती, रेशम मंजरी निवासी डोईवाला, पुष्पांजलि गौड निवासी गुमानीवाला ऋषिकेश, निखिल खन्ना निवासी ग्रेटर नोएडा, फड़ दुकानदार मोहित तोमर और धीरज बछेती उर्फ शंकर निवासीगण हरिपुर कलां ने मिलकर षड़यंत्र रचा।जिसके तहत पंजाब पुलिस के साथ मिलकर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया। इसके बाद उनके फर्जी हस्ताक्षर से फर्जी त्यागपत्र तैयार कराया और असल के रूप में प्रयोग करके फर्जी सप्लीमेन्द्री ट्रस्ट तैयार किया।उसी आधार पर मां चण्डी देवी मन्दिर परमार्थ ट्रस्ट का नवीनीकरण व पंजीकरण दिनांक 27 मई को तहसील ऋषिकेश में करा लिया।

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