हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने गंगा दशहरा पर में गंगा में दुग्धाभिषेक कर पूजन व स्नान कर सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान उन्होंने पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी स्थित चरण पादुका मंदिर में श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरण किया।
इस अवसर पर गंगा दशहरा का महत्व बताते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा जी का स्वर्ग से धरती पर अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा के दिन ही गायत्री जयंती मनाई जाती है। गंगा दशहरा मां गंगा के अवतरण का पवित्र दिवस है। इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। उन्होंने कहा कि इस दिन मां गंगा शिव जी जटा से अवतरित होकर धरती पर आई थी और राजा सगर के पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया था। राजा भगीरथ सैकड़ों वर्ष तपस्या करके मां गंगा को धरती पर लाए थे। उन्होंने कहा कि समस्त वेदों की उत्पत्ति मां गायत्री से हुई है। इसलिए मां गायत्री को वेदों की जननी अर्थात वेद माता कहा जाता है। त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा विष्णु और महेश इनकी आराध्या को गायत्री कहा जाता है, इसलिए गायत्री का एक नाम देवमाता भी है। उन्होंने देश खुशहाल और पूर्व की भांति सुखी और समृद्ध बने संपूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना कर कामना की।
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