हरिद्वार: धर्मनगरी एक ऐसा शहर है जहां आये दिन कोई ना कोई बड़ा स्नान या कोई बड़ा धार्मिक आयोजन जरूर होता रहता है. इन आयोजनों में देश के कोने- कोने से बड़ी संख्या में यात्री आते हैं. उनकी गाड़ियों को पार्क करने के लिए कई बड़ी पार्किंग हरिद्वार में बनाई गई हैं. इन पार्किंग से करोड़ों की आमदनी होती है.
पार्किंग की इस कमाई को लेकर अब ना केवल भाजपा-कांग्रेस आमने सामने हैं, बल्कि इस बार नगर निगम और पार्किंग के माफिया भी आमने सामने हैं. हर की पैड़ी को जाने वाले मार्ग पर सिंचाई विभाग की जमीन पर स्थित पार्किंग को लेकर नगर निगम मेयर द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस की गई. उन्होंने कहा कि उक्त पार्किंग में सारी व्यवस्था नगर निगम करता है, तो उस पार्किंग को ठेके पर देने का अधिकार भी नगर निगम हरिद्वार का ही है. इधर सत्ता पक्ष के कुछ नेता नगर निगम की आय को बढ़ते नहीं देखना चाहते हैं और नगर निगम के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं.
नगर निगम हरिद्वार मेयर द्वारा मंगलवार को हरिद्वार क्लब में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूं तो सभी दलों के पार्षदों को आना था. हरिद्वार नगर निगम की मेयर कांग्रेस की हैं तो एक दो ही भाजपा पार्षद ही नगर निगम की ओर से इस प्रेस वार्ता में पहुंचे. जैसे ही मेयर अनीता शर्मा ने पार्किंग को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा, तुरन्त ही भाजपा पार्षदों ने बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकलना ही बेहतर समझा.इसके बाद नगर निगम मेयर अनीता शर्मा ने कहा कि मामला नगर निगम की आय बढ़ाने का है. इसलिए सभी पार्षदों को आगे आना चाहिए. उनका कहना था कि उक्त स्थान पर सिंचाई विभाग द्वारा पार्किंग का ठेका दिया जाता है, जबकि वहां की सफाई आदि की सभी व्यवस्था नगर निगम हरिद्वार द्वारा ही की जाती है. इसलिए नगर निगम हरिद्वार चाहता है कि उक्त स्थान पर पार्किंग का ठेका नगर निगम द्वारा ही दिया जाए, ताकि नगर निगम हरिद्वार की आय को बढ़ाया जा सके.
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