हरीश रावत व प्रीतम सिंह के बीच जुबानी जंग हुई तेज

देहरादून। हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है शनिवार को जहां प्रीतम सिंह ने हरीश रावत पर निशाना साधा था अब हरीश रावत ने भी कई बड़े आरोप लगाए हैं फेसबुक पर हरीश रावत ने लिखा कि सत्य, बिल्कुल सत्य है। व्यक्ति अपने परिश्रम व प्रभाव से, पार्टी के प्रभाव से जीतता है। मेरी व्यथा यह है कि हार के लिए फिर मैं जिम्मेदार क्यों?मैं फिर भी जिम्मेदारी लेता हूँ कि क्योंकि जब आप अपने को अवगुण की पंक्ति में समझते हैं, सामूहिक जिम्मेदारी की कतार में अपने को खड़ा देखते हैं तो फिर जिम्मेदारी लेनी पड़ती है और मैंने जिम्मेदारी ली है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कुछ लोग, जिन लोगों का रिकॉर्ड है, आप हरिद्वार में किसी से पूछ लीजिए, आप हरिद्वार के कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार से पूछ लीजिए कि अमुक-अमुक व्यक्ति ने आपको जिताने के लिए काम किया? तो उनकी जो प्रतिक्रिया होगी आप उससे अंदाज लगा लीजिए कि उन व्यक्तियों के विषय में लोगों का आकलन क्या है? अगल-बगल के और उम्मीदवारों से पूछ लीजिए, उन्होंने किसी को जिताने के लिए काम किया हो! लेकिन जहां भी वह लोग शादी-विवाह, सामाजिक समारोह में जा रहे हैं और भी बहुत सारी बातें होती हैं कहीं न कहीं। आप कह रहे हैं कांग्रेस की सरकार होती, हरीश रावत ने हरा दिया, हरीश रावत ने मरवा दिया तो यह न तो पार्टी के हित में है और यह वही लोग हैं, यदि इन चेहरों पर आप गौर करेंगे ये न केवल पार्टी के उम्मीदवारों को हराने के लिए काम करते रहे हैं बल्कि आज से लगभग साढ़े पांच-छ: साल पहले इन्होंने एक संगठित कैंपेन चलाया था, जिसमें यह हरिद्वार भर में हर कांग्रेस की सभा में कहते थे कि हरीश रावत बाहरी व्यक्ति है, हरीश रावत पहाड़ी है, तो ये लोग कैसे कांग्रेस के हितेषी है और कैसे इनके साथ खड़ा हुआ जा सकता है?

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