शैक्षणिक वर्ष 2022 में CBSE तथा ICSE, ISC बोर्ड टर्म 1 परीक्षाएं हाइब्रिड मोड में कराने की छात्रों की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खरिज कर दी है.टर्म 1 बोर्ड परीक्षाएं अब ऑफलाइन ही आयोजित की जाएंगी और स्टूडेंट्स को ऑनलाइन परीक्षाएं देने का विकल्प नहीं मिलेगा.
सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने कोर्ट में कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और यह कहना जल्दबाजी होगी परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी. बच्चों के बीच वायरस फैल सकता है. इससे 14 लाख बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और याचिकाकर्ता केवल यही चाहते हैं कि हाइब्रिड मोड अभी जारी रहे.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पिछले साल हाइब्रिड परीक्षा नहीं हुई थी. कक्षा 10 के 14 लाख और कक्षा 12 में 20 लाख छात्र हैं. परीक्षाएं पहले ही 16 नवंबर, 2021 को शुरू हो चुकी हैं जिसका नोटिस अक्टूबर में जारी कर दिया गया था. COVID की चिंताओं का ध्यान रखा गया है.
उन्होंने दलील दी की पहले 40 छात्र कक्षा में बैठते थे लेकिन अब कक्षा में केवल 12 छात्र ही बैठेंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों को बढ़ाकर 15,000 किया गया है. साथ ही तीन घंटे का परीक्षा समय अब घटाकर 90 मिनट कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया को बाधित किए बिना सुरक्षा के उपाय किए गए हैं.
इस पर एडवोकेट हेगड़े ने कहा कि यह 34 लाख छात्रों का सवाल नहीं है. परीक्षाओं के छात्रों के साथ-साथ माता-पिता भी आते हैं. लैंग्वेज, गणित और विज्ञान जैसे प्रमुख पेपरों में भीड़ होती है. ऐसे में छात्रों को हाइब्रिड मॉडल का लाभ उठाने का मौका दिया जाना चाहिए. SG मेहता ने कहा कि 15,000 परीक्षा केंद्र हैं और परीक्षाएं ऑफलाइन चल रही हैं. अब इन्हें ऑनलाइन कैसे किया जा सकता है.
अदालत ने माना कि आखिरी समय में छात्रों को आशा देना उन्हें हतोत्साहित करना होगा. शिक्षा प्रणाली के साथ भी खिलवाड़ होगा. चूंकि परीक्षाएं 16 नवंबर से चल रही है, इसलिए हस्तक्षेप करना और पूरी प्रक्रिया को बाधित करना उचित नहीं होगा. अदालत को आश्वस्त किया गया है ऑफलाइन परीक्षाओं के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरती जा रही हैं.
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