हरिद्वार: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ₹2000 के नोट को लेकर की गई घोषणा का अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने स्वागत किया है. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए यह एक बड़ा फैसला है. महंत रविंद्र पुरी ने सभी से अपील की है कि इस फैसले को लेकर कोई भी पैनिक ना हो, क्योंकि रिजर्व बैंक ने सभी को सहूलियत देते हुए आराम से ₹2000 के नोट वापसी करने के लिए बड़ा समय दिया है. ऐसे में किसी को भी इस फैसले को लेकर पैनिक नहीं होना चाहिए.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने सरकार द्वारा 2000 के नोट को चलन से हटाने के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार और अवैध धन पर रोक लगाने के लिए सरकार का अच्छा फैसला है. अखिल रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि जिन लोगों के पास अवैध रूप से काला धन एकत्रित हुआ है, उनके लिए यह फैसला बहुत कष्टकारी है. आम जनता को किसी प्रकार की चिंता या परेशानी का बात नहीं है. बैंकों में जैसे पहले लाइनें लग गई थी, वैसी स्थिति शायद नहीं आएगी.
रविंद्र पुरी ने कहा कि आज के समय में बहुत कुछ डिजिटल हो गया है. बहुत सारे लोग तो कैश का काम करते ही नहीं हैं. कार्ड, डेबिट कार्ड और पेटीएम जैसी कई ऐसी व्यवस्थाएं हो गई हैं जिसके कारण नोटों की जरूरत नहीं रह गई है. अगर फिर भी कुछ के पास नोट हैं तो मेरा सरकार से यह अनुरोध है कि आम जनमानस को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था बैंकों में होनी चाहिए
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