देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग स्नातक परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण के बाद अब एसटीएफ ने सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में पहली गिरफ्तारी कर ली है। सचिवालय रक्षक भर्ती मामले में थाना रायपुर में एसटीएफ की ओर से मुकदमा दर्ज कराया था।
एसटीएफ की टेक्निकल टीम ने यूकेएसएसएससी में गहन जांच बाद इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पाने में सफलता प्राप्त की है। जिसके बाद बाराबंकी निवासी प्रदीप पाल से पूछताछ की गई। साक्ष्य व गहन पूछताछ के बाद एसटीएफ ने प्रदीप पाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया गया है।परीक्षार्थियों को लाखों रुपए में पेपर बेचा था पेपरआरोपित आरआइएमएस कंपनी का कर्मचारी था और आयोग में लंबे समय से कार्यरत था। बताया गया कि प्रदीप पाल के द्वारा ही पेन ड्राइव के माध्यम से प्रश्न पत्र चुराया गया था। इसके बाद अन्य साथियों की मदद से प्रदीप पाल ने परीक्षार्थियों को लाखों रुपए में पेपर बेचा था।एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है। वह अपने बयान खुद आकर दर्ज करवाएं।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आउटसोर्स कंपनी आरआईएमएस टेक्नो सोल्यूशन को भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र छापने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को जिम्मेदारी दी थी उनके कर्मचारियों ने ही सचिवालय रक्षक भर्ती और स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक किए थे। इसका प्लान इतना फुलप्रूफ था कि उन्होंने 3 महीने में बिना किसी को भनक लगे इन परीक्षाओं के पेपर चोरी कर लिए।
उत्तराखंड एसटीएफ ने आज UKSSSC पेपर लीक मामले में आरएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान को पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सचिवालय रक्षक भर्ती में हुई धांधली में भी इसी कंपनी का कर्मचारी प्रदीप पाल गिरफ्तार किया गया है।
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