धर्म संसद में कथित अभद्र भाषा का प्रयोग करने के मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने जमानत अवधि खत्म होने के बाद शुक्रवार को हरिद्वार जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है.
आत्मसमर्पण करने से पहले त्यागी ने निरंजनी अखाड़ा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मुलाकात की. अखाड़ा अध्यक्ष स्वामी रवींद्र पुरी के साथ संक्षिप्त चर्चा की. बाद में, मीडिया से बात करते हुए त्यागी ने दोहराया कि वह निर्दोष हैं और सनातन धर्म विरोधी तत्वों द्वारा गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. मुझे देश की न्यायपालिका और कानून पर पूरा भरोसा है.
त्यागी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, जिसने पहले 4 महीने की सशर्त जमानत का मार्ग प्रशस्त किया था, मैं आज आत्मसमर्पण कर रहा हूं. आपको बता दें कि त्यागी को इस साल 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर नरसैन इलाके से ज्वालापुर थाने में कथित अभद्र भाषा के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. चार महीने जेल की सजा काटने के बाद, उन्हें चिकित्सा आधार पर सशर्त जमानत दी गई थी.
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