एसएसपी के निर्देश पर अजीत कश्यप के कथित अपहरण की कहानी का खुलासा हुआ

प्रसिद्ध “भगत जी चाट भंडार” के मालिक अजीत कश्यप के कथित अपहरण की खबर ने रविवार को पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी। परिवारवालों की आंखों में आंसू और शहरवासियों के दिलों में चिंता थी।लेकिन मामले में उस समय नाटकीय मोड़ आया जब हरिद्वार पुलिस ने सच्चाई का पर्दाफाश किया, यह अपहरण नहीं, बल्कि अजीत कश्यप द्वारा खुद रची गई एक सोची-समझी साजिश थी।

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन में पुलिस टीम ने जब मामले की बारीकी से जांच की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि अजीत अपनी बाइक को रुड़की क्षेत्र में छोड़कर खुद ऋषिकेश की बस में सवार हुआ था। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसे ऋषिकेश से बेहोशी की हालत में बरामद किया।पूछताछ के दौरान अजीत ने स्वीकार किया कि वह भारी कर्ज में डूबा हुआ था और कर्जदाताओं के दबाव से परेशान होकर उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी। उसने अपने एक दोस्त को फोन कर बताया कि कुछ लोग उसका पीछा कर रहे हैं, इसके बाद जानबूझकर अपनी सिम फेंक दी। खुद को बेहोश दिखाने के लिए उसने नशीली गोलियों का सेवन किया, ताकि लगे कि वह जहरखुरानी गैंग का शिकार हुआ है।

इस खुलासे से न केवल उसके परिवारजन हतप्रभ रह गए, बल्कि पूरे शहर में भी चर्चा का माहौल बन गया। पुलिस टीम में कोतवाल रितेश शाह समेत अन्य अधिकारियों ने तकनीकी दक्षता और सतर्कता से इस फर्जी अपहरण की गुत्थी सुलझाई। एसएसपी ने टीम को सराहना पत्र देकर सम्मानित भी किया।

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