देवउठनी एकादशी पर हरकी पौड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़

देवोत्थान एकादशी पर मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे। हरकी पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु सुबह से ही एकादशी का स्नान कर रहे हैं।हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे देवउठनी, देवोत्थान और देवप्रबोधिनी के नाम से जाना जाता है। इस तिथि पर तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। ज्योतिष आचार्य पंडित प्रदीप जोशी ने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार सृष्टि के पालनहार श्रीहरि भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर चार महीने की अपनी योगनिद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु के जागने पर इस दिन तुलसी विवाह किया जाता है। भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के संग तुलसी विवाह विधि-विधान के साथ किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह करना बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। देवउठनी एकादशी पर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ तुलसी जी का विवाह कराने पर सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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