पतंजलि योगपीठ के 29वें स्थापना दिवस, पतंजलि योगपीठ महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती एवं गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानन्द की जयन्ती के अवसर पर पतंजलि योगपीट परिवार विश्व के श्रेष्ठतम और विशालतम गुरुकुल पतंजलि गुरुकुलम का शिलान्यास 6 जनवरी को किया जाएगा।इस संबंध में पत्रकारों से वार्ता में स्वामी रामदेव ने कहा कि स्वामी दर्शनानन्द के 118 वर्ष पूर्व 3 बीघा भूमि, 3 ब्रह्मचारी और 3 चवन्नी से प्रारंभ गुरुकुल का नाम हमने स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर रखा है, जो शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा।
उन्होंने बताया कि यहां से तीन बड़े प्रकल्प संचालित होंगे जिसमें पहला लगभग 250 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला 7 मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम् होगा। इस गुरुकुल में लगभग 1500 विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त यहां लगभग 250 करोड़ की लागत से आचार्यकुलम् की शाखा स्थापित की जाएगी, जिसमें लगभग 5000 बच्चे डे-बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे। साथ ही यहां महर्षि दयानन्द अतिथि भवन बनाने की भी योजना है।
स्वामी रामदेव ने बताया कि यहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ वो संस्कार दिए जाएंगे, जिससे वे अपनी संस्कृति व अपनी जड़ों से जुड़ सकें। पूरे देश में सनातन के गौरव का कालखण्ड चल रहा है। एक ओर सनातन का बोध, भारत का बोध और दूसरी तरफ आधुनिक विषयों का बोध, यानि देश की सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक शिक्षा, सनातन की शिक्षा, भारत बोध, चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का, गौरव व स्वाभिमान का भाव बच्चों के भीतर जागृत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यहां श्रेष्ठतम आधुनिक शिक्षा और श्रेष्ठतम प्राच्य विद्या दोनों का संगम होगा। हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत से लेकर कम से कम विश्व की 5 भाषाओं का बोध पतंजलि गुरुकुलम् व आचार्यकुलम् के बच्चों को होगा। उन्होंने बताया कि चौहान समाज के लोगों ने गुरुकुल की सुरक्षा करने में बड़ी भूमिका अदा की है। इसलिए यहां सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। बताया कि यहां 1 से 2 वर्ष के भीतर एक कम्यूनिटी सेन्टर बनाया जाएगा जिसका लाभ हरिद्वार के लोगों को मिलेगा।
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