दूसरे दिन भी सदन में विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया

ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने कहा कि आपदा ने सरकार की कलई खोल दी है। 20 दिन तक ट्रांसफार्मर नहीं रखे गए। आपदा में किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। खेत बह गए। किसानों की मदद को कोई तैयार नहीं।आपदा में मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए। यूपी की तर्ज पर किसानों की एक साल की बिजली माफ हो और उनका ऋण भी माफ हो। पूरे हरिद्वार जिले के साथ ही प्रदेश को आपदा क्षेत्र घोषित किया जाए।

भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी/डीएम बरसात से पहले जिले के विधायकों के साथ बैठक करें। साथ ही उनसे प्रस्ताव लें, जिससे कि आपदा में बचाव हो सके, लेकिन अधिकारी सुनते नहीं हैं। आपदा में खंबे टूटे, लेकिन आज तक ठीक नहीं हुए। 12 विद्यालय ऐसे हैं, जहां बारिश में छुट्टी करनी पड़ती है। उन्होंने मानकों में परिवर्तन की मांग की।

भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने नियम 58 में आपदा के नुकसान को लेकर कहा कि दीर्घकालिक व्यवस्था हे चाहिए। गांव में बाढ़ आने पर हम लोग बचाव की बात करते हैं। जिन किसानों की जमीन चली गई। क्या वो वापस आएगी। सरकार ने कितना मुआवजा दिया। उन्होंने सरकार को स्थायी हल निकालने की मांग की।

15 कांग्रेस विधायकों के निलंबन का प्रकरण कार्यवाही से हटाया गया। गैरसैंण विधानसभा सत्र में अनुशासनहीनता के मामले में स्पीकर ने एक दिन के लिए 15 कांग्रेस विधायकों को निलंबित किया था।कांग्रेस सविधायक प्रीतम सिंह ने सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाया। स्पीकर ने सदन को निलंबन प्रकरण कार्यवाही से हटाने की जानकारी दी।

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