शहर के 60 वार्डों से प्रतिदिन निकलने वाला करीब 200 मीट्रिक टन कूड़ा सराय में डंप किया जा रहा है. लगातार बारिश के कारण सेग्रीगेशन प्लांट करीब एक माह से बंद है.इससे वहां कूड़े का पहाड़ बन गया है. बारिश में भीगने के कारण मिश्रित कूड़े के ढेर से आबोहवा प्रदूषित हो रही है और दुर्गंध से मुश्किलें बढ़ रही हैं।
धर्मनगरी से प्रतिदिन औसतन 210 से 220 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। पर्व स्नानों पर यह 50 से 80 मीट्रिक टन तक बढ़ जाता है। जुलाई माह में लगने वाले श्रावण कांवर मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इससे 28 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त कूड़ा पैदा हुआ। मिश्रित कूड़े को ट्रैक्टर, ट्रॉली, लोडर और अन्य वाहनों से सराय स्थित पृथक्करण संयंत्र में ले जाया गया, लेकिन जुलाई में लगातार बारिश के कारण कूड़ा गीला होने के कारण पृथक्करण संयंत्र संचालित नहीं हो सका।
इससे सराय में कूड़े का पहाड़ बन गया है, जिससे उठने वाली सड़ांध मुश्किलें बढ़ा रही है। वायु प्रदूषण के कारण बड़ी आबादी वाले सराय गांव के अलावा एक्कड़ कलां, एक्कड़ खुर्द आदि गांवों की 25 से 30 हजार आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इससे एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस समेत अन्य मौसमी बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं।
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