जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में अर्थ गंगा परियोजना एवं सुपरवाइजरी समिति के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।
जिलाधिकारी को बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पी0एल0 शाह ने अर्थ गंगा परियोजना एवं सुपरवाइजरी समिति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी से अर्थ गंगा परियोजना की दृष्टि से जनपद हरिद्वार के धार्मिक व सांस्कृतिक नगरी होने की वजह से फूलों की खेती को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में जानकारी ली तो मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी ने बताया कि जनपद में फूलों की मांग होने के कारण इसकी खेती को निरन्तर बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि मशरूम, स्ट्राबेरी आदि ऐसे फसलों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिनसे उत्पादनकर्ता को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त गंगा के किनारे पांच किलोमीटर के क्षेत्र में नेचुरल खेती की जा रही है, संगन्ध पौधा के अन्तर्गत लालढांग क्षेत्र में लेमन ग्रास की खेती की जा रही है तथा फसल बीमा योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक किसानों को अच्छादित किया जा रहा है।
इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि अर्थ गंगा परियोजना के तहत हल्दी तथा अदरक की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आर्थिकी को मजबूत किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आर्गेनिक फार्मिंग से इको सिस्टम में कैसे इजाफा होगा, के सम्बन्ध में वातावरण तैयार किया जाये एवं इस बारे में एक रिपोर्ट भी देना सुनिश्चित करें। बैठक में डीएफओ मयंक शेखर झा ने बताया कि पर्यावरण के संरक्षणार्थ जनपद में हरेला पर्व सहित पौधा रोपण के कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिसके तहत चार लाख के लक्ष्य के सापेक्ष साढ़े तीन लाख पौंधों का रोपण किया जा चुका है, जो निरन्तर जारी है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जितना अधिक पौंधा रोपण हो जायेगा, वह प्रकृति के लिये उतना ही अच्छा होगा।
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