जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हरिद्वार शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम एवं सुचारु बनाये जाने के लिए हरिद्वार शहर में पीआरटी (परसनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराए जाने के सम्बन्ध में बैठक हुई।
बैठक में प्रस्तुतीकरण देते हुए उत्तराखण्ड मेट्रो रेल शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम लि. देहरादून के महाप्रबन्धक (सिविल), उप महाप्रबन्धक (सिविल) एवं निदेशक (प्रोजेक्ट एवं प्लांनिंग) ब्रजेश कुमार मिश्रा ने जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को बताया कि पीआरटी परियोजना पर निगम वर्ष 2019 से कार्य कर रहा है।यह परियोजना हरिद्वार शहर के प्रमुख क्षेत्रों सीतापुर, ज्वालापुर, आर्यनगर, रामनगर, सिटी हास्पिटल, दक्ष मन्दिर, ऋषिकुल, हरिद्वार रेलवे स्टेशन, वाल्मीकि चौक, मंसा देवी मन्दिर गेट, हरकीपैड़ी, कनखल, मोतीचूर, शान्तिकंुज, भारत माता मन्दिर आदि कुल 21.7 किमी को आच्छादित करेगी, इसमें एक कार (पॉड) में छह लोग बैठ सकते हैं, जिसको उत्तराखण्ड कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि इस परियोजना के लिए निजी तथा राजकीय भूमि को मिलाकर कुल 3.456 है. भूमि की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने किस क्षेत्र में कहां पर कितनी सरकारी और कहां पर कितनी प्राइवेट भूमि है? कहां-कहां पर स्टेशन बनाये जायेंगे, इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीआरटी का प्रमुख डिपो ऋषिकुल में होगा। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कहां पर कितनी भूमि की आवश्यकता है तथा सम्बन्धित भूमि किसके अधिकार क्षेत्र में है, इसके सम्बन्ध में एक लिखित विवरण उपलब्ध कराएं ताकि इस सम्बन्ध में अग्रिम कार्रवाई की जा सके।
जिलाधिकारी ने बैठक में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम लि. से कहा कि वे इस परियोजना के अन्तर्गत चन्द्राचार्य चौक से बीएचईएल, शिवालिक नगर, नवोदयनगर, सिडकुल, रोशनाबाद आदि को भी शामिल करने पर विचार करें, ताकि इस परियोजना के डिपो के लिये आपको पर्याप्त भूमि प्राप्त हो सके।
बैठक में पीआरटी स्टेशनों के पास पार्किंग की व्यवस्था तथा वाल्मीकि चौक से हरकी पैड़ी की ओर पीआरटी के लिये स्थापित किये जाने वाले खम्भों के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
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