देवस्थानम बोर्ड पर संतों और अखाड़ों में सियासत गरमाने लगी है। संतों व तीर्थ पुरोहितों के बोर्ड भंग करने की मांग के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद आगे आया है। परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि प्रदेश सरकार से लगातार वार्ता चल रही है।
सरकार का रुख सकारात्मक है और जल्द ही बोर्ड भंग हो जाएगा। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि बोर्ड भंग होगा और इसमें कोई वाद-विवाद की स्थिति नहीं है।
कृषि कानून वापसी की घोषणा के बाद से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग तेज हो गई है। तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार को धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री का देहरादून में घेराव भी किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से कई चरणों में वार्ता हो चुकी है। सरकार ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। जल्द ही बोर्ड भंग करने की घोषणा हो जाएगी।
रविंद्रपुरी ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बोर्ड को लेकर सियासत होने लगी है। कुछ राजनीतिक दल संत समाज को अपना मोहरा बनाना चाहते हैं, लेकिन संत समाज जागरूक है और सरकार पर भरोसा करता है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दृष्टिकोण से कौन सा दल क्या चाहता है परिषद को इससे कोई लेनादेना नहीं है।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से केदारनाथ धाम का विकास किया जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद देवस्थानम बोर्ड को लेकर पहले ही सरकार से वार्ता कर चुका है। तीर्थ पुरोहितों के हित में ही अखाड़ा परिषद ने सरकार से वार्ता कर देवस्थानम बोर्ड को जल्द से जल्द भंग करने के लिए कहा था। इस पर कार्य चल रहा है। सरकार जल्द देवस्थानम बोर्ड बंद करने की घोषणा कर देगी।
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